हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसाएल अलशिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
عَنْ أَبِی عَبْدِ اللَّهِ ع مَا مِنْ أَحَدٍ یَوْمَ الْقِیَامَةِ إِلَّا وَ هُوَ یَتَمَنَّى أَنَّهُ زَارَ الْحُسَیْنَ بْنَ عَلِیٍّ ع لَمَّا یَرَى لِمَا یُصْنَعُ بِزُوَّارِ الْحُسَیْنِ بْنِ عَلِیٍّ مِنْ کَرَامَتِهِمْ عَلَى اللَّهِ
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
कयामत के दिन कोई ऐसा नहीं होगा जो यह नहीं कहेगा कि काश मैंने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ियारत की होती,जब वह देखेगा कि इमाम हुसैन अ.स. के ज़व्वारो के साथ क्या कर रहे हैं और अल्लाह के नज़दीक उसकी कितनी इज्ज़त है।
वसाएल अलशिया,भाग 14,पेज 424